Saturday, August 25, 2018

क्या अब उद्योगपति धमकाएंगे विपक्ष को ?

कल 27 अगस्त को RBI द्वारा तय समय सीमा खत्म होने के साथ ही अन्य कई कम्पनियों के साथ अनिल अम्बानी की रिलायंस नेवल भी दिवालिया घोषित होने की कार्यवाही के दायरे में आ जाएगी। अनिल अम्बानी ने इससे एक दिन पहले , यानी आज इसके डॉयरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के लिए उसने कंपनी अधिनियम की उस धारा का हवाला दिया जो 2013 से लागू है।
         इससे दो दिन पहले उसकी दूसरी कंपनी रिलायंस इंफ़्रा ली अपने NCD का भुगतान नहीं कर पाई और डिफ़ॉल्ट कर गयी।
         राफेल के सवाल पर कांग्रेस द्वारा सरकार से ये सवाल पूछने पर की उसने राफेल डील के अंतर्गत मेंटिनेंस इत्यादि का कॉन्ट्रैक्ट हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स से हटाकर केवल 15 दिन पहले बनी अनिल अम्बानी की उस कम्पनी को किस आधार पर दिलवा दिया जिसके पास इस तरह का कोई अनुभव ही नहीं है , तो इसका जवाब सरकार द्वारा देने के बजाय अनिल अम्बानी ने कांग्रेस पर 5000 करोड़ की मानहानी का मुकदमा दायर कर दिया।
           यानी अब सरकार के फैसलों पर और अपने मित्र उद्योगपतियों को गलत तरीके लाभ पहुंचाने पर अगर कोई सवाल उठाया जायेगा तो उसका जवाब सरकार द्वारा देने के बजाय अब उद्योगपतियों द्वारा विपक्ष को क़ानूनी कार्यवाही की धमकियाँ दी जाएँगी ? देश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी और सरकार और कॉरपोरेट के नेक्सस को ये बात ध्यान से समझ लेनी चाहिए।


No comments:

Post a Comment